Ek Brahamin Ne Kaha Hai Ke Ye Saal Acha Hai. / एक ब्रहामण ने कहा है के ये साल अच्छा है,
एक ब्रहामण ने कहा है के ये साल अच्छा है,
ज़ुल्म की रात बहुत जल्द टलेगी अब तो,
आग चुल्हों में हर एक रोज़ जलेगी अब तो,
भूख़ के मारे कोई बच्चा नहीं रोएगा,
चैन की नींद हर एक शख़्स यहाँ सोएगा,
आँधी नफ़रत की चलेगी न कहीं अब के बरस,
प्यार की फ़सल उगाएगी जमीं अब के बरस,
है यक़ीन अब न कोई शोर-शराबा होगा,
ज़ुल्म होगा न कहीं ख़ून-ख़राबा होगा,
ओस और धूप के सदमें न सहेगा कोई,
अब मेरे देश में बेघर न रहेगा कोई,
नए वादों का जो ड़ाला है वो जाल अच्छा है,
रहनुमाओं ने कहा है कि ये साल अच्छा है,
दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है ।
ज़ुल्म की रात बहुत जल्द टलेगी अब तो,
आग चुल्हों में हर एक रोज़ जलेगी अब तो,
भूख़ के मारे कोई बच्चा नहीं रोएगा,
चैन की नींद हर एक शख़्स यहाँ सोएगा,
आँधी नफ़रत की चलेगी न कहीं अब के बरस,
प्यार की फ़सल उगाएगी जमीं अब के बरस,
है यक़ीन अब न कोई शोर-शराबा होगा,
ज़ुल्म होगा न कहीं ख़ून-ख़राबा होगा,
ओस और धूप के सदमें न सहेगा कोई,
अब मेरे देश में बेघर न रहेगा कोई,
नए वादों का जो ड़ाला है वो जाल अच्छा है,
रहनुमाओं ने कहा है कि ये साल अच्छा है,
दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है ।
- Sabir Dutt.
- Jagjit Singh.