Dushman Ko Bhi Seene Se Lagana Nahi Bhoole. / दुश्मन को भी सीने से लगाना नहीं भूले,
दुश्मन को भी सीने से लगाना नहीं भूले,
हम अपने बुज़ुर्गों का ज़माना नहीं भूले ।
तुम आँखों कि बरसात बचाए रखना,
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले ।
ये बात अलग हाथ क़लम हो गए अपने,
हम आपकी तस्वीर बनाना नहीं भूले ।
इक उम्र हुई मैं तो हँसी भूल चुका हूँ,
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले ।
हम अपने बुज़ुर्गों का ज़माना नहीं भूले ।
तुम आँखों कि बरसात बचाए रखना,
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले ।
ये बात अलग हाथ क़लम हो गए अपने,
हम आपकी तस्वीर बनाना नहीं भूले ।
इक उम्र हुई मैं तो हँसी भूल चुका हूँ,
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले ।
- Sagar Azmi.
- Jagjit Singh.