Kabhi Kabhi Yun Bhi Humne Apne Jee Ko Behlaya Hai.
कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है,
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है ।
हमसे पूछो इज़्ज़तवालों कि इज़्ज़त का हाल कभी,
हमने भी इस शहर में रहकर थोड़ा नाम कमाया है ।
उससे बिछड़े बरसों बीते लेकिन आज ना जाने क्यूँ,
आँगन में हँसते बच्चो को बेकारण धमकाया है ।
कोई मिला तो हाथ मिलाया कहीं गये तो बातें की,
घर से बाहर जब भी निकले दिनभर बोझ उठाया है ।
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है ।
हमसे पूछो इज़्ज़तवालों कि इज़्ज़त का हाल कभी,
हमने भी इस शहर में रहकर थोड़ा नाम कमाया है ।
उससे बिछड़े बरसों बीते लेकिन आज ना जाने क्यूँ,
आँगन में हँसते बच्चो को बेकारण धमकाया है ।
कोई मिला तो हाथ मिलाया कहीं गये तो बातें की,
घर से बाहर जब भी निकले दिनभर बोझ उठाया है ।
- Jagjit Singh.
- Nida Fazli.