Ik Chameli Ke Mandwe Tale Maikade Se Zara Door.

एक चमेली के मंड़वे तले,
मैक़दे से ज़रा दूर,
उस मोड़ पर ,
दो बदन प्यार की आग में जल गए ।

प्यार हर्फ़-ए-वफ़ा,
प्यार उनका ख़ुदा,
प्यार उनकी चिता,
दो बदन प्यार की आग में जल गए ।

हमने देखा उन्हे,
दिन में और रात में,
नूर-ओ-ज़ुल्मात में,
दो बदन प्यार की आग में जल गए ।

मस्जिदों के मुनारों ने देखा उन्हे,
मंदिरों के किवाड़ों ने देखा उन्हे,
मैक़दे की दरारों ने देख उन्हे,
दो बदन प्यार की आग में जल गए ।

अज़ अज़ल ता अबद,
ये बता चाराग़र,
तेरी ज़ंबील में,
नुस्ख़ा-ए-कीमिया-ए-मोहब्बत भी है,
कुछ इलाज-ओ-दावा-ए-उल्फ़त भी है,
दो बदन प्यार की आग में जल गए ।
  • Jagjit Singh.
  • Makhdoom Moinuddin.