Har Ek Faisla Har Imtihaan Chod Diya Na Chahte Hue Bhi.

हर एक फ़ैसला हर इम्तिहान छोड़ दिया,
न चाहते हुए भी ये जहान छोड़ दिया ।

जब इसमें सांस भी लेना मुहाल होने लगा,
तो हमने जिस्म का आख़िर मकान छोड़ दिया ।

ज़मीं को घेर लिया ग़म ने तो कहाँ जाते,
ख़ुदा का शुक्र है जो आसमान छोड़ दिया ।

बनी जो भूल-भुलईया हमारी राहगुज़र,
सफ़र हयात का फिर दरमियान छोड़ दिया ।
  • Jagjit Singh.
  • Madanpal.