Gudiya Tujh Par Ik Pal Hansna Aaye Ik Pal Rona Aaye.

गुड़ीया तुझ पर इक पल हँसना, इक पल रोना आए,
वक़्त बना वो बच्चा जिसके, हाथ खिलौना आए ।

ऐसी चली हालात की आंधी बुझ गई मन की ज्योती,
अरमानो की ड़ोरी टूटी बिखर गए सब मोती,
तेरे अश्क़ों को माला में किसे पिरोना आए ।

तेरा कोई ज़ोर चले ना इस दुनिया के आगे,
तुझ पर अपना हुक़ुम चलाये रस्मो-रिवाज़ के धागे,
तेरी मजबूरी को ग़म का बोज ही ढोना आए ।

सबने शोर मचा कर कह दी अपनी अपनी बात,
बैठी रही ख़ामोश ये गुड़ीया दिल पर रख कर हाथ,
पार लगाना कोई ना जाने सबको डूबोना आए ।

काश कभी कानून की देवी आँख से पट्टी खोले,
देख के सब इंसाफ़ करे वो सच को बराबर तोले,
रस्मो के संग जज़्बो को भी उसे समोना आए ।
  • Jagjit Singh.
  • Madanpal.