Dekhna Jazb-E-Mohabbat Ka Asar Aaj Ki Raat.

देखना जज़्बे मोहब्बत का असर आज की रात,
मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात ।

नूर ही नूर है किस सिम्त उठाऊँ आँखें,
हुस्न ही हुस्न है ता हद-ए-नज़र आज की रात ।

नगमा-ओ-मै का ये तूफ़ान-ए-तरब क्या कहना,
मेरा घर बन गया ख़ैयाम का घर आज की रात ।

नर्गिस-ए-नाज़ में वो नींद का हल्क़ा सा ख़ुमार,
वो मेरे नग़मा-ए-शीरीं का असर आज की रात ।
  • Jagjit Singh.
  • Majaz Lucknawi.