Zara Chehre Se Kamli Ko Hata Do Ya Rasool Allah.
ज़रा चेहरे से कमली को हटा दो या रसूल-अल्लाह,
हमें भी अपना दीवाना बना दो या रसूल-अल्लाह ।
मोहब्बत ग़ैर से मेरी छुड़ा दो या रसूल-अल्लाह,
मेरी सोई हुई क़िस्मत जगा दो या रसूल-अल्लाह ।
बड़ी क़िस्मत हमारी है के उम्मत में तुम्हारी है,
भरोसा दीन-ओ-दुनिया में तुम्हारा या रसूल-अल्लाह ।
अंधेरी कब्र में मुझको अकेला छोड़ जायेंगे,
वहाँ हो फ़ज़ल से तेरे उजाला या रसूल-अल्लाह ।
ख़ुदा मुझको मदीने पे जो पहुँचाये तो बेहतर है,
के रोज़े-उमर ही दे दूजा चादर या रसूल अल्लाह ।
हमें भी अपना दीवाना बना दो या रसूल-अल्लाह ।
मोहब्बत ग़ैर से मेरी छुड़ा दो या रसूल-अल्लाह,
मेरी सोई हुई क़िस्मत जगा दो या रसूल-अल्लाह ।
बड़ी क़िस्मत हमारी है के उम्मत में तुम्हारी है,
भरोसा दीन-ओ-दुनिया में तुम्हारा या रसूल-अल्लाह ।
अंधेरी कब्र में मुझको अकेला छोड़ जायेंगे,
वहाँ हो फ़ज़ल से तेरे उजाला या रसूल-अल्लाह ।
ख़ुदा मुझको मदीने पे जो पहुँचाये तो बेहतर है,
के रोज़े-उमर ही दे दूजा चादर या रसूल अल्लाह ।
- Chitra - Jagjit Singh.