Tamanaon Ke Behlave Mein Aksar Aa Hii Jaate Hain.

तमन्नाओं के बहलावे में अक्सर आ ही जाते हैं,
कभी हम चोट खाते हैं, कभी हम मुस्कुराते हैं ।

हम अक्सर दोस्तों की बेवफ़ाई सह तो लेते हैं,
मगर हम जानते हैं, दिल हमारे टूट जाते हैं ।

किसी के साथ जब बीते हुए लम्हों की याद आयी,
थकी आँखों में अश्कों के सितारे झिल-मिलाते हैं ।

ये कैसा इश्तियाक़-ए-बीद है और कैसी मजबुरी,
किसी बज़्म तक जा जा के क्यूँ लौट आते हैं ।
  • Ali Sardar Zafri.
  • Chitra Singh.