Tum Nahin Aaye The Tab Bhi To Tum Aaye The.
जब नहीं आए थे तुम, तब भी तो तुम आए थे,
आँख में नूर की और दिल में लहू की सूरत,
याद की तरह धड़कते हुए दिल की सूरत ।
तुम नहीं आए अभी, फिर भी तो तुम आए हो,
रात के सीने में मेहताब के खंज़र की तरह,
सुब्हो के हाथ में खुर्शीद के सागर की तरह ।
तुम नहीं आओगे जब, फिर भी तो तुम आओगे,
ज़ुल्फ़ दर ज़ुल्फ़ बिखर जाएगा, फिर रात का रंग,
शब–ए–तन्हाई में ही लुत्फ़–ए–मुलाक़ात का रंग ।
आओ आने की करें बात, कि तुम आए हो,
अब तुम आए हो तो मैं कौन सी शै नज़र करूँ,
के मेरे पास सिवा मेहर–ओ–वफ़ा कुछ भी नहीं,
आँख में नूर की और दिल में लहू की सूरत,
याद की तरह धड़कते हुए दिल की सूरत ।
तुम नहीं आए अभी, फिर भी तो तुम आए हो,
रात के सीने में मेहताब के खंज़र की तरह,
सुब्हो के हाथ में खुर्शीद के सागर की तरह ।
तुम नहीं आओगे जब, फिर भी तो तुम आओगे,
ज़ुल्फ़ दर ज़ुल्फ़ बिखर जाएगा, फिर रात का रंग,
शब–ए–तन्हाई में ही लुत्फ़–ए–मुलाक़ात का रंग ।
आओ आने की करें बात, कि तुम आए हो,
अब तुम आए हो तो मैं कौन सी शै नज़र करूँ,
के मेरे पास सिवा मेहर–ओ–वफ़ा कुछ भी नहीं,
एक दिल एक तमन्ना के सिवा कुछ भी नहीं ।
- Jagjit Singh.