Dost Ban Ban Ke Mile Mujhko Mitane Wale. / दोस्त बन बन के मिले मुझको मिटाने वाले,
दोस्त बन बन के मिले मुझको मिटाने वाले,
मैंने देखे हैं कई रंग बदलने वाले ।
तुमने चुप रहकर सितम और भी ढ़ाया मुझपर,
तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हँसने वाले ।
मैं तो इख़लाक के हाथों ही बिका करता हूँ,
और होंगे तेरे बाज़ार में बिकने वाले ।
आख़िरी बार सलाम-ए-दिल-ए-मुज़्तर ले लो,
फिर ना लौटेंगे शब-ए-हिज्र के रोने वाले ।
मैंने देखे हैं कई रंग बदलने वाले ।
तुमने चुप रहकर सितम और भी ढ़ाया मुझपर,
तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हँसने वाले ।
मैं तो इख़लाक के हाथों ही बिका करता हूँ,
और होंगे तेरे बाज़ार में बिकने वाले ।
आख़िरी बार सलाम-ए-दिल-ए-मुज़्तर ले लो,
फिर ना लौटेंगे शब-ए-हिज्र के रोने वाले ।
- Saeed Rahi.
- Jagjit Singh.