Tum Paas Aa Rahe Ho, Dhire Dhire Dhire Dhire.
धीरे, धीरे, धीरे, धीरे, आँखों में छा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
चुपके, चुपके, चुपके, चुपके, दिल में समा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
झुकती हुई ये पलकें, खुलते हुए ये गेसू,
ये शर्म की अदायें, वो शोख़ीयों का जादू,
कैसे, कैसे, कैसे, कैसे, सपने दिखा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
फूलों भरे नज़ारे, ये ख़ुश्बूओं के ड़ेरे,
लगते हैं ख़्वाब जैसे, ये शाम ये सवेरे,
होले, होले, होले, होले, अरमान जगा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
तुम पास आ रहे हो ।
चुपके, चुपके, चुपके, चुपके, दिल में समा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
झुकती हुई ये पलकें, खुलते हुए ये गेसू,
ये शर्म की अदायें, वो शोख़ीयों का जादू,
कैसे, कैसे, कैसे, कैसे, सपने दिखा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
फूलों भरे नज़ारे, ये ख़ुश्बूओं के ड़ेरे,
लगते हैं ख़्वाब जैसे, ये शाम ये सवेरे,
होले, होले, होले, होले, अरमान जगा रहे हो,
तुम पास आ रहे हो ।
- Jagjit Singh & Lata Mangeshkar.