Sehma Sehma Dara Sa Rehta Jaane Kyun Jee Bhara Sa Rehta Hai.
सहमा सहमा डरा सा रहता है,
जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है ।
इश्क़ में और कुछ नहीं होता,
आदमी बावरा सा रहता हैं ।
एक पल देख लूँ तो उठता हूँ,
जल गया सब ज़रा सा रहता है ।
चाँद जब आसमाँ पे आ जाए,
आप का आसरा सा रहता है ।
- Jagjit Singh.
- Gulzar.