Jaana Hai Jaana Hai Chalte Hi Jaana Hai Na Koi Apna Hai.
जाना है जाना है, चलते ही जाना है,
ना कोई अपना है, ना ही ठिकाना है,
सब रास्ते नाराज़ हैं,
मन्ज़िल की आहटों से राही बेगाना है ।
क्या कभी साहिल भी तूफ़ान में बहते हैं,
सब यहाँ आसान हैं हौसलें कहते हैं,
शोलों पे काँटों पे हँसके चल सकते हैं,
अपनी तक़्दीरों को हम बदल सकते हैं,
बिगड़े हालातों में दिल को समझाना है,
जाना है जाना है, चलते ही जाना है ।
ख़्वाबों की दुनिया में यादों के रेले में,
आदमी तन्हा है भीड़ में मेले में,
ज़िन्दगी में ऐसा मोड़ भी आता है,
पाँव रूक जाते हैं वक़्त थम जाता है,
ऐसे में तो मुश्किल आगे बढ़ पाना है,
जाना है जाना है, चलते ही जाना है ।
ना कोई अपना है, ना ही ठिकाना है,
सब रास्ते नाराज़ हैं,
मन्ज़िल की आहटों से राही बेगाना है ।
क्या कभी साहिल भी तूफ़ान में बहते हैं,
सब यहाँ आसान हैं हौसलें कहते हैं,
शोलों पे काँटों पे हँसके चल सकते हैं,
अपनी तक़्दीरों को हम बदल सकते हैं,
बिगड़े हालातों में दिल को समझाना है,
जाना है जाना है, चलते ही जाना है ।
ख़्वाबों की दुनिया में यादों के रेले में,
आदमी तन्हा है भीड़ में मेले में,
ज़िन्दगी में ऐसा मोड़ भी आता है,
पाँव रूक जाते हैं वक़्त थम जाता है,
ऐसे में तो मुश्किल आगे बढ़ पाना है,
जाना है जाना है, चलते ही जाना है ।
- Jagjit Singh.