Dard-E-Dil Mein Kami Na Ho Jaaye Dosti Dushmani Na Ho Jaaye.
दर्द-ए-दिल में कमी ना हो जाए,
दोस्ती दुश्मनी ना हो जाए ।
तुम मेरी दोस्ती का दम ना भरो,
आसमान मुद्दयी ना हो जाए ।
बैठता हूँ हमेशा रिन्दों में,
कहीं ज़ाहिद वली ना हो जाए ।
अपनी खोए वफ़ा से ड़रता हूँ,
आशिक़ी बन्दगी ना हो जाए ।
दोस्ती दुश्मनी ना हो जाए ।
तुम मेरी दोस्ती का दम ना भरो,
आसमान मुद्दयी ना हो जाए ।
बैठता हूँ हमेशा रिन्दों में,
कहीं ज़ाहिद वली ना हो जाए ।
अपनी खोए वफ़ा से ड़रता हूँ,
आशिक़ी बन्दगी ना हो जाए ।
- Jagjit Singh.
- Bekhud Badayuni.