Humko Dushman Ki Nigahon Se Na Dekha Kiije Pyaar Hi.
हमको दुश्मन की निगाहों से ना देखा किजे,
प्यार ही प्यार हैं हम हमपे भरोसा किजे ।
चंद यादो के सिवा हाथ ना कुछ आयेगा,
इस तरह उम्र-ए-गुरेज़ा का पीछा किजे ।
रोशनी औरों के आँगन में गँवारा ना सही,
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला किजे ।
क्या खबर कब वो चले आयेंगे मिलने के लिये,
रोज़ पलकों पे नयी शम्में जलाया किजे ।
प्यार ही प्यार हैं हम हमपे भरोसा किजे ।
चंद यादो के सिवा हाथ ना कुछ आयेगा,
इस तरह उम्र-ए-गुरेज़ा का पीछा किजे ।
रोशनी औरों के आँगन में गँवारा ना सही,
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला किजे ।
क्या खबर कब वो चले आयेंगे मिलने के लिये,
रोज़ पलकों पे नयी शम्में जलाया किजे ।
- Rais Ahktar.
- Chitra Singh.