Waqt Ne Kiya Kya Haseen Situm Tum Rahe Na Tum.

वक़्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम ।

बेक़रार दिल इस तरह मिले,
जैसे कभी हम जुदा न थे,
तुम भी खो गए, हम भी खो गए,
एक राह पर चलके दो क़दम ।

जायेंगे कहाँ सूझता नहीं,
चल पड़े मगर रास्ता नहीं,
क्या तलाश है कुछ पता नहीं,
बुन रहे है दिन ख़्वाब दम-बदम ।
  • Jagjit Singh.