Tasveer Banata Hoon Tasveer Nahi Banti Ik Khvaab Sa.
तस्वीर बनाता हूँ, तस्वीर नहीं बनती,
इक ख़्वाब सा देखा है, ताबीर नहीं बनती ।
बेदर्द मोहब्बत का, इतना सा है अफ़साना,
नज़रों से मिली नज़रे, मैं हो गया दीवाना,
अब दिल के बहलने की तदबीर नहीं बनती ।
दम भर के लिए, मेरी दुनिया में चले आओ,
तरसी हुई आँखों को फिर, शक़्ल दिखा जाओ,
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तक़दीर नहीं बनती ।
इक ख़्वाब सा देखा है, ताबीर नहीं बनती ।
बेदर्द मोहब्बत का, इतना सा है अफ़साना,
नज़रों से मिली नज़रे, मैं हो गया दीवाना,
अब दिल के बहलने की तदबीर नहीं बनती ।
दम भर के लिए, मेरी दुनिया में चले आओ,
तरसी हुई आँखों को फिर, शक़्ल दिखा जाओ,
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तक़दीर नहीं बनती ।
- Khumar Barabanqvi.
- Jagjit Singh.