Meri Tanhaiyo Tum Hi Laga Lo MujhKo Seene Se.

मेरी तन्हाईयों तुम ही लगा लो मुझको सीने से,
कि मैं घबरा गया हूँ इस तरह रो रो के जीने से ।

ये आधी रात को फिर चूड़ियों सा क्या खनकता है,
कोई आता है या मेरी ही ज़ंज़ीर खनकती है,
ये बातें किस तरह पूछूँ मैं सावन के महीने से ।

मुझे पीने दो अपने ही लहू का जाम पीने दो,
ना सीने दो किसी को भी मेरा दामन ना सीने दो,
मेरी वहशत ना बढ जाए कहीं दामन के सीने से ।
  • Prem Warbartni.
  • Jagjit Singh.