Badla Na Apne Aapko Jo The Wahi Rahe Milte Rahe.
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे,
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे ।
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम,
थोड़ी बहुत तो ज़हन में नाराज़गी रहे ।
अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी,
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे ।
गुज़रो जो बाग से तो दुआ माँगते चलो,
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे ।
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे ।
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम,
थोड़ी बहुत तो ज़हन में नाराज़गी रहे ।
अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी,
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे ।
गुज़रो जो बाग से तो दुआ माँगते चलो,
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे ।
- Nida Fazli.
- Jagjit Singh.