Yeh Kya Jaane Mein Jaana Hai Jaate Ho Khafa.

ये क्या जाने में जाना है, जाते जुदा हो कर,
मैं जब जानूँ, मेरे दिल से चले जाओ जुदा हो कर ।

क़यामत तक उड़ेगी दिल से उठकर ख़ाक आँखों तक,
इसी रस्ते गया है हसरतों का क़ाफ़िला हो कर ।

तुम्ही अब दर्द-ऐ-दिल के नाम से घबराए जाते हो,
तुम्ही तो दिल में शायद आए थे दर्द-ऐ-आशियाँ हो कर ।

यूँ ही हमदम घड़ी भर को मिला करते थे बेहतर था,
के दोनों वक्त जैसे रोज़ मिलते हैं जुदा हो कर ।
  • Seemab Akbarabadi.
  • Chitra Singh.