Hum Dosti Ehsaan Wafaa Bhool Gaye Hain.
हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं,
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं ।
खुश्बू जो लुटाती है मसलते हैं उसी को,
एहसान का बदला यही मिलता है कली को,
एहसान तो लेते हैं सिला भूल गए हैं ।
करते है मोहब्बत का और एहसान का सौदा,
मतलब के लिए करते हैं इमान का सौदा,
ड़र मौत का और खौफ़-ए-खुदा भूल गए है,
अब मोम में ढ़लकर कोई पत्थर नहीं होता,
अब कोई भी कुर्बान किसी पर नहीं होता,
यूँ भटकते हैं मंज़िल का पता भूल गए हैं ।
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं ।
खुश्बू जो लुटाती है मसलते हैं उसी को,
एहसान का बदला यही मिलता है कली को,
एहसान तो लेते हैं सिला भूल गए हैं ।
करते है मोहब्बत का और एहसान का सौदा,
मतलब के लिए करते हैं इमान का सौदा,
ड़र मौत का और खौफ़-ए-खुदा भूल गए है,
अब मोम में ढ़लकर कोई पत्थर नहीं होता,
अब कोई भी कुर्बान किसी पर नहीं होता,
यूँ भटकते हैं मंज़िल का पता भूल गए हैं ।
- Payaam Saeedi.
- Jagjit Singh.