Humsafar Banke Hum Saath Hain Aaj Bhi Phir Bhi Hai.

हमसफ़र बन के हम साथ हैं आज भी, फिर भी है ये सफ़र अजनबी अजनबी ।
राह भी अजनबी मोड़ भी अजनबी, जायेंगे हम किधर अजनबी अजनबी ।

ज़िन्दगी हो गई है सुलगता सफ़र, दूर तक आ रहा है धुँआ सा नज़र,
जाने किस मोड़ पर खो गई हर खुशी, दे के दर्द–ए–जिगर अजनबी अजनबी ।

हमने चुन चुन के तिनके बनाया था जो, आशियाँ हसरतों से सजाया था जो,
है चमन में वही आशियाँ आज भी, लग रहा है मगर अजनबी अजनबी ।

किसको मालूम था दिन ये भी आयेंगे, मौसमों कि तरह दिल बदल जायेंगे,
दिन हुआ अजनबी रात भी अजनबी, हर घड़ी हर पहर अजनबी अजनबी ।
  • Madanpal.
  • Jagjit Singh.