Aisii Aankhein Nahi Dekhi Aisaa Kaajal Nahi Dekha.
ऐसी आँखें नहीं देखी, ऐसा काजल नहीं देखा,
ऐसा जलवा नहीं देखा, ऐसा चेहरा नहीं देखा ।
जब ये दामन की हवा ने, आग जंगल में लगा दे,
जब ये सहराओं में जाए, रेत में फूल खिलाए ।
ऐसी दुनिया नहीं देखी, ऐसा मंज़र नहीं देखा,
ऐसा आलम नहीं देखा, ऐसा दिलबर नहीं देखा ।
उसके कंगन का खनकना, जैसे बुल-बुल का चहकना,
उसकी पाजेब की छम-छम, जैसे बरसात का मौसम ।
ऐसा सावन नहीं देखा, ऐसी बारिश नहीं देखी,
ऐसी रिम-झिम नही देखी, ऐसी ख़्वाईश नहीं देखी ।
उसकी बेबाक़ सी बातें, जैसे सर्दी की हो रातें,
उफ़ ये तन्हाई, ये मस्ती, जैसे तूफ़ान में कश्ती ।
मीठी कोयल सी है बोली, जैसे गीतों की रंगोली,
सुर्ख़ गालों पे पसीना, जैसे फ़ागुन का महीना ।
ऐसा जलवा नहीं देखा, ऐसा चेहरा नहीं देखा ।
जब ये दामन की हवा ने, आग जंगल में लगा दे,
जब ये सहराओं में जाए, रेत में फूल खिलाए ।
ऐसी दुनिया नहीं देखी, ऐसा मंज़र नहीं देखा,
ऐसा आलम नहीं देखा, ऐसा दिलबर नहीं देखा ।
उसके कंगन का खनकना, जैसे बुल-बुल का चहकना,
उसकी पाजेब की छम-छम, जैसे बरसात का मौसम ।
ऐसा सावन नहीं देखा, ऐसी बारिश नहीं देखी,
ऐसी रिम-झिम नही देखी, ऐसी ख़्वाईश नहीं देखी ।
उसकी बेबाक़ सी बातें, जैसे सर्दी की हो रातें,
उफ़ ये तन्हाई, ये मस्ती, जैसे तूफ़ान में कश्ती ।
मीठी कोयल सी है बोली, जैसे गीतों की रंगोली,
सुर्ख़ गालों पे पसीना, जैसे फ़ागुन का महीना ।
- Sameer.
- Jagjit Singh - Asha Bhosle.