Phir Nazar Se Pila Dijiye Hosh Mere Udaa Dijiye.

फिर नज़र से पिला दीजिये,
होश मेरे उड़ा दीजिये ।

छोड़िये बर्ह्मी की रविश,
अब ज़रा मुस्कुरा दीजिये ।

बात अफ़साना बन जाएगी,
इस क़दर मत हवा दीजिये ।

आईये खुल के मिलिए गले,
सब तकल्लुफ़ हटा दीजिये ।

कब से मुश्ताक़-ए-दीदार हूँ,
अब तो जलवा दिखा दीजिये ।
  • Jaam Nasimi.
  • Jagjit Singh.