Ajab Apnaa Haal Hota Jo Visaal-E-Yaar Hota. / अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता,
अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता,
कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता ।
ना मज़ा है दुश्मनी में ना है लुत्फ़ दोस्ती में,
कोई ग़ैर ग़ैर होता कोई यार यार होता ।
ये मज़ा था दिल्लगी का के बराबर आग लगती,
ना तुम्हें क़रार होता ना हमें क़रार होता ।
तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते,
अगर अपनी ज़िन्दगी का हमें ऐतबार होता ।
कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता ।
ना मज़ा है दुश्मनी में ना है लुत्फ़ दोस्ती में,
कोई ग़ैर ग़ैर होता कोई यार यार होता ।
ये मज़ा था दिल्लगी का के बराबर आग लगती,
ना तुम्हें क़रार होता ना हमें क़रार होता ।
तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते,
अगर अपनी ज़िन्दगी का हमें ऐतबार होता ।
- Chitra Singh.
- Daag Dehlvi.