Gagan Ki Ot Nisana Hai Dahiine Soor Chandrama Bayein. / गगन की ओट निसाना है
गगन की ओट निसाना है ।।
दाहिने सुर चंद्रमा बांये, तिन के बीच छिपाना है ।
तन की कमान सूरत का रौंदा, शबद बाण ले ताना है ।
मारयो बाण घाव नहीं तन में, जिन लागा तिन जाना है ।
कहै कबीर सुनो भई साधो, जिन जाना तिन माना है ।
दाहिने सुर चंद्रमा बांये, तिन के बीच छिपाना है ।
तन की कमान सूरत का रौंदा, शबद बाण ले ताना है ।
मारयो बाण घाव नहीं तन में, जिन लागा तिन जाना है ।
कहै कबीर सुनो भई साधो, जिन जाना तिन माना है ।
- Jagjit Singh.
- Kabir.
- Complete......
दाहिने सुर चंद्रमा बांये, तिन के बीच छिपाना है ।
तन की कमान सूरत का रौंदा, शबद बाण ले ताना है ।
मारत बाण बिधा तन ही तन, सतगुरू का परवाना है ।
मारयो बाण घाव नहीं तन में, जिन लागा तिन जाना है ।
कहै कबीर सुनो भई साधो, जिन जाना तिन माना है ।