Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga Waqt Aayega.

तुमने सूली पे लटकते जिसे देखा होगा,
वक़्त आयेगा वही शख़्स मसीहा होगा ।

ख़वाब देखा था के शहर में बसेरा होगा,
क्या ख़बर थी कि यही ख़्वाब तो सच्चा होगा ।

मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुश्बू बनकर,
रंग होगा ना बदन होगा ना चेहरा होगा ।
  • Sahir Hoshiyarpuri.
  • Jagjit Singh.