Mooh Ki Baat Sune Har Koi Dil Ke Dard Ko Jaane Kaun.

मुँह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन,
आवाज़ो के बाज़ारो में, ख़ामोशी को पहचाने कौन ।

सदियों सदियों वही तमाशा, रस्ता रस्ता लम्बी खोज,
लेकिन जब हम मिल जाते है, खो जाता है जाने कौन ।

वो मेरा आईना है या, मैं उसकी परछाई हूँ,
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन ।

किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींदे,
धीरे धीरे बिखर रहा है, ज़रा ज़रा जाने कौन ।
  • Nida Fazli.
  • Jagjit Singh.