Rishton Mein Daraar Aayi Bete Naa Rahe Bete Bhai.

रिश्तों में दरार आयी, बेटे ना रहे बेटे,
भाई ना रहे भाई, रिश्तों में दरार आयी ।

परखा है लहू अपना, भरता है ज़माने को,
तूफ़ान में कोई भी, आया ना बचाने को,
साहिल पे नज़र आयी, कितने ही तमाशाई,
रिश्तों में दरार आयी ।

ढूँढे से नहीं मिलता, राहत का जहाँ कोई,
टूटे हुए ख़्वाबों को, ले जाए कहाँ कोई,
हर मोड़ पे होती है, एहसास की रूसवाई,
रिश्तों में दरार आयी ।

ज़ख़्मों से खिली कलीयाँ, अश्क़ों से खिली शबनम,
पत्थर के दरीचे से, आया है नया मौसम,
रातों की स्याही से, ली सुबहो ने अंगड़ाई,
रिश्तों में दरार आयी ।
  • Naqsh Lyallpuri.
  • Jagjit Singh.