Hum To Yun Apni Zindagi Se Ajnabi Jaise Ajnabi Se.

हम तो यूँ अपनी ज़िन्दगी से मिले,
अजनबी जैसे अजनबी से मिले ।

हर वफ़ा एक जुर्म हो गोया,
दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले ।

फूल ही फूल हमने माँगे थे,
दाग़ ही दाग़ ज़िन्दगी से मिले ।

जिस तरह आप हम से मिलते हैं,
आदमी यूँ ना आदमी से मिले
  • Sudarshan Faakir.
  • Jagjit Singh.