Dil Ke Ujle Kaaghaz Par Hum Kaisa Geet Likhein.

दिल के उजले कागज़ पर हम कैसा गीत लिखें,
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें ।

नीले अम्बर की अँगनाई में तारों के फूल,
मेरे प्यासे होटों पर है अंगारों के फूल,
इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें,
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें ।

कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल,
लेकर हम निकले हैं अपनी आँखों के कश खोल,
हम बंजारे प्रीत के मारे क्या संगीत लिखें,
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें ।

शाम खड़ी है एक चमेली के प्याले में शबनम,
जमुना जी की ऊंगली पकड़े खेल रहा है मधुबन,
ऐसे में गंगा जल से राधा की प्रीत लिखें,
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें ।
  • Rahi Masoom Reza.
  • Chitra Singh.