Are Too Pawan Basanti Kahe Ko Ithla Ke Chalti.
अरे तू पवन बसन्ती, काहे को इठला के चलती,
जो देखे मेरी चाल वो हो जाए निहाल,
अल्लाह मुझमें है कैसा जादू ।
बहार तो मेरा, बदन रही चूम,
दुपट्टा जो उड़ाया, तो रूत रही झूम,
के फूलों से आई, मेरी खुश्बू,
अल्लाह मुझमें है कैसा जादू ।
ये नट देखे बादल, तो झुक–झुक जाए,
बिन्दिया देखे बिजली, तो रूक–रूक जाए,
के दिल पे किसी को नहीं काबू,
अल्लाह मुझमें है कैसा जादू ।
जो देखे मेरी चाल वो हो जाए निहाल,
अल्लाह मुझमें है कैसा जादू ।
बहार तो मेरा, बदन रही चूम,
दुपट्टा जो उड़ाया, तो रूत रही झूम,
के फूलों से आई, मेरी खुश्बू,
अल्लाह मुझमें है कैसा जादू ।
ये नट देखे बादल, तो झुक–झुक जाए,
बिन्दिया देखे बिजली, तो रूक–रूक जाए,
के दिल पे किसी को नहीं काबू,
अल्लाह मुझमें है कैसा जादू ।
- Lata Mangeshkar.