Aisaa Lagta Hai Zindagi Tum Ho Ajnabi Kaise Ajnabi.

ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो,
अजनबी कैसे अजनबी तुम हो ।

अब कोई आरज़ू नहीं बाकी,
जुस्तजू मेरी आख़री तुम हो ।

मैं ज़मीन पर घना अँधेरा हूँ,
आसमानों की चाँदनी तुम हो ।

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें,
किस ज़माने के आदमी तुम हो ।
  • Bashir Badr.
  • Chitra Singh.