Rishta Yeh Kaisa Hai Nata Yeh Kaisa Hai.
रिश्ता ये कैसा है नाता ये कैसा है,
पहचान जिससे नहीं थी कभी,
अपना बना है वही अजनबी
रिश्ता ये कैसा है नाता ये कैसा है ।
तुम्हें देखती ही रहूँ मैं हमेशा,
मेरे सामने यूँ ही बैठे रहो तुम,
कहूँ दिल की बातें मैं ख़ामोशियों में,
और अपने लबों से ना कुछ भी कहो तुम ।
ये रिश्ता है कैसा, ये नाता है कैसा,
तेरे तन की ख़ुश्बू भी लगती है अपनी,
ये कैसी लगन है, ये कैसा मिलन है,
तेरे दिल की धड़कन भी लगती है अपनी ।
तुम्हें पा के महसूस होता है ऐसे,
के जैसे कभी हम जुदा ही नहीं थे,
ये माना के जिस्मों के घर तो नये हैं,
मगर हैं पुराने ये बंधन दिलों के ।
पहचान जिससे नहीं थी कभी,
अपना बना है वही अजनबी
रिश्ता ये कैसा है नाता ये कैसा है ।
तुम्हें देखती ही रहूँ मैं हमेशा,
मेरे सामने यूँ ही बैठे रहो तुम,
कहूँ दिल की बातें मैं ख़ामोशियों में,
और अपने लबों से ना कुछ भी कहो तुम ।
ये रिश्ता है कैसा, ये नाता है कैसा,
तेरे तन की ख़ुश्बू भी लगती है अपनी,
ये कैसी लगन है, ये कैसा मिलन है,
तेरे दिल की धड़कन भी लगती है अपनी ।
तुम्हें पा के महसूस होता है ऐसे,
के जैसे कभी हम जुदा ही नहीं थे,
ये माना के जिस्मों के घर तो नये हैं,
मगर हैं पुराने ये बंधन दिलों के ।
- Madanpal.
- Chitra Singh.