Dil Mein Ab Dard-E-Mohabbat Ke Sive Kuch Bhi Nahi. / दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं,
दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं,
ज़िन्दगी मेरी इबादत के सिवा कुछ भी नहीं ।
मैं तेरी बारगह-ए-नाज़ में क्या पेश करूँ,
मेरी झोली में मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं ।
ऐ ख़ुदा मुझसे ना ले मेरे गुनाहों का हिसाब,
मेरे पास अश्क़-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं ।
वो तो मिट कर मुझे मिल ही गयी राहत वरना,
ज़िन्दगी रंज-ओ-मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं ।
ज़िन्दगी मेरी इबादत के सिवा कुछ भी नहीं ।
मैं तेरी बारगह-ए-नाज़ में क्या पेश करूँ,
मेरी झोली में मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं ।
ऐ ख़ुदा मुझसे ना ले मेरे गुनाहों का हिसाब,
मेरे पास अश्क़-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं ।
वो तो मिट कर मुझे मिल ही गयी राहत वरना,
ज़िन्दगी रंज-ओ-मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं ।
- Sahir Bhopali.
- Lata Mangeshkar.