Dekha To Mera Saya Bhi Mujhse Juda Mila. / देखा तो मेरा साया भी मुझसे जुदा मिला,

देखा तो मेरा साया भी मुझसे जुदा मिला,
सोचा तो हर किसी से मेरा सिलसिला मिला ।

शहर-ए-वफ़ा में अब किसे एहल-ए-वफ़ा कहें,
हमसे गले मिला तो वो ही बेवफ़ा मिला ।

फ़ुर्सत किसे थी जो मेरे हालात पूछता,
हर शख़्स अपने बारे में कुछ सोचता मिला ।

उसने तो ख़ैर अपनो से मोड़ा था मुहँ ‘अयाज़’,
मैंने ये क्या किया कि मैं ग़ैरों से जा मिला ।
  • Ayaz Jhansvi.
  • Jagjit Singh.