Raat Khamosh Hai, Chand Madhosh Hai, Tham Lena Mujhe. / रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है, थाम लेना मुझे,
रात ख़ामोश है, चाँद मदहोश है,
थाम लेना मुझे, जा रहा होश है ।
मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की ज़ुबाँ,
गा रही है ज़मीं, सुन रहा आस्माँ,
गुनगुनाती हवा, दे रही है सदा,
सर्द इस रात की, गर्म आग़ोश है ।
महकती ये फिज़ा, जैसे तेरी अदा,
छा रहा है रूह पर, जाने कैसा नशा,
झुमता है जहाँ, अजब है ये समां,
दिल के गुल्ज़ार में, इश्क़ पुरजोश है ।
थाम लेना मुझे, जा रहा होश है ।
मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की ज़ुबाँ,
गा रही है ज़मीं, सुन रहा आस्माँ,
गुनगुनाती हवा, दे रही है सदा,
सर्द इस रात की, गर्म आग़ोश है ।
महकती ये फिज़ा, जैसे तेरी अदा,
छा रहा है रूह पर, जाने कैसा नशा,
झुमता है जहाँ, अजब है ये समां,
दिल के गुल्ज़ार में, इश्क़ पुरजोश है ।
- Hari Ram Acharya.
- Jagjit Singh.