Raat Bhi Neend Bhi Kahani Bhi Haaye Kya Cheez Hai Jawaani Bhi. / रात भी नींद भी कहानी भी, हाए ! क्या चीज़ है जवानी भी ।
रात भी नींद भी कहानी भी,
हाए ! क्या चीज़ है जवानी भी ।
दिल को शोलों से करते हैं सैराब,
ज़िन्दगी आग भी है पानी भी ।
ख़ल्क़ क्या क्या मुझे नहीं कहती,
कुछ सुनूँ मैं तेरी ज़ुबानी भी ।
पास रहना किसी का रात की रात,
मेहमानी भी मेज़बानी भी ।
हाए ! क्या चीज़ है जवानी भी ।
दिल को शोलों से करते हैं सैराब,
ज़िन्दगी आग भी है पानी भी ।
ख़ल्क़ क्या क्या मुझे नहीं कहती,
कुछ सुनूँ मैं तेरी ज़ुबानी भी ।
पास रहना किसी का रात की रात,
मेहमानी भी मेज़बानी भी ।
- Firaq Gorakhpuri.
- Chitra Singh.