Koi Fariyaad Tere Dil Mein Dabii Ho Jaise Tune Aankhon Se Koi Baat. / कोई फ़रीयाद तेरे दिल में दबी हो जैसे, तूने आँखों से कोई बात

कोई फ़रीयाद तेरे दिल में दबी हो जैसे,
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे ।

जागते जागते एक उम्र कटी हो जैसे,
जान बाकी है मगर सांस रूकी हो जैसे ।

हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है,
मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे ।

राह चलते हुए अक्सर ये गुमाँ होता है,
वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे ।

एक लम्हें में सिमट आया है सदियों का सफ़र,
ज़िन्दगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे ।

इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं,
मेरी हर सांस तेरे नाम लिखी हो जैसे ।
  • Jagjit Singh.