Dialogue & Unke Dekhe Se Jo Aa Jati Hai Mooh Pe Raunak. / उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पे रौनक,
उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पे रौनक,
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है ।
देखिए पाते हैं उशशाक़ बुतों से क्या फ़ैज़,
इक बराह्मन ने कहा है कि ये साल अच्छा है ।
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीकत लेकिन,
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है ।
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है ।
देखिए पाते हैं उशशाक़ बुतों से क्या फ़ैज़,
इक बराह्मन ने कहा है कि ये साल अच्छा है ।
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीकत लेकिन,
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है ।
- Mirza Asadullah Khan 'Ghalib'.
- Naseeruddin Shah.
- Jagjit Singh.