Mujhe Gussa Dikhaya Jaa Raha Hai Tabassum Ko Chabaya Jaa Hai. / मुझे गुस्सा दिखाया जा रहा है, तबस्सुम को चबाया जा रहा है ।
मुझे गुस्सा दिखाया जा रहा है,
तबस्सुम को चबाया जा रहा है ।
वहीं तक आबरू में ज़ब्त-ए-ग़म है,
जहाँ तक मुस्कुराया जा रहा है ।
दो आलम मैंने छोड़े जिसके ख़ातिर,
वही दामन छुड़ाया जा रहा है ।
क़रीब आने में है उनको तकल्लुफ़,
वहीं से मुस्कुराया जा रहा है ।
तबस्सुम को चबाया जा रहा है ।
वहीं तक आबरू में ज़ब्त-ए-ग़म है,
जहाँ तक मुस्कुराया जा रहा है ।
दो आलम मैंने छोड़े जिसके ख़ातिर,
वही दामन छुड़ाया जा रहा है ।
क़रीब आने में है उनको तकल्लुफ़,
वहीं से मुस्कुराया जा रहा है ।
- Jagjit Singh.
- Shahir Bhopali.