Kuchh Khona Kuchh Paana Chalta Rehta Hai Saanson Ka.

कुछ खोना कुछ पाना चलता रहता है,
साँसों का अफ़साना चलता रहता है ।

अब भी चिड़ीया चुग जाती है खेतों को,
दो इक दिन पछताना चलता रहता है ।

कुछ बच जाते हैं तो कुछ मिट जाते हैं,
वक़्त का आना जाना चलता रहता है ।

हिन्दू मुसलिम आते जाते रहते हैं,
नुक्क्ड़ का मैख़ाना चलता रहता है ।
  • Sanjay Masoom.
  • Jagjit Singh.