Khoob Nibhegi Hum Donon Mein Mere Jaisa Tu Bhi Hai.
ख़ूब निभेगी हम दोनों में, मेरे जैसा तू भी है,
थोड़ा झूठा मैं भी ठहरा, थोड़ा झूठा तू भी है ।
जंग अना की हार ही जाना, बेहतर है अब लड़ने से,
मैं भी हूँ टूटा टूटा सा, बिख़रा बिख़रा तू भी है ।
इक मुद्दत से फ़ासला कायम, सिर्फ़ हमारे बीच ही क्यूँ,
सबसे मिलता रहता हूँ मैं, सबसे मिलता तू भी है ।
अपने अपने दिल के अंदर, सिमटे हुए हैं हम दोनों,
गुमसुम गुमसुम मैं भी बहुत हूँ, खोया खोया तू भी है ।
थोड़ा झूठा मैं भी ठहरा, थोड़ा झूठा तू भी है ।
जंग अना की हार ही जाना, बेहतर है अब लड़ने से,
मैं भी हूँ टूटा टूटा सा, बिख़रा बिख़रा तू भी है ।
इक मुद्दत से फ़ासला कायम, सिर्फ़ हमारे बीच ही क्यूँ,
सबसे मिलता रहता हूँ मैं, सबसे मिलता तू भी है ।
अपने अपने दिल के अंदर, सिमटे हुए हैं हम दोनों,
गुमसुम गुमसुम मैं भी बहुत हूँ, खोया खोया तू भी है ।
- Faragh Roohvi.
- Jagjit Singh.