Kisika Yun To Hua Kaun Umr-Bhar Phir Bhi.
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्रभर फिर भी,
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी ।
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है,
नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी ।
तेरी निगाह से बचने में उम्र गुज़री है,
उतर गया रग-ए-जाँ में ये नेशतर फिर भी ।
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी ।
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है,
नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी ।
तेरी निगाह से बचने में उम्र गुज़री है,
उतर गया रग-ए-जाँ में ये नेशतर फिर भी ।
- Jagjit Singh.
- Firaq Gorakhpuri.