Tum Meri Rakho Laaj Hari Tum Janat Sab Antaryami.

तुम मेरी राखो लाज हरी, तुम जानत सब अन्तर्यामी,
करनी कछुना करी, तुम मेरी राखो लाज हरी ।

ओगुन मोसे बिसरत नाही, पलछिन घरि घरि,
अब मोरी राखो लाज हरी, तुम मेरी राखो लाज हरी ।

दारा सुत धन मोह लिये हो, सुत बुद्ध सब बिसरी,
अब मोरी राखो लाज हरी, तुम मेरी राखो लाज हरी ।

सूर पतित को बेग उबारो, अब मेरी नाव भरी,
अब मोरी राखो लाज हरी, तुम मेरी राखो लाज हरी ।
  • Surdas.
  • Jagjit Singh.