Bahut Pehle Se Un Qadmon Ki Aahat Jaan Lete Hain.
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते हैं ।
तबीयत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में,
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं ।
मेरी नज़रें भी ऐसे क़ाफ़िरों का जान-ओ-ईमान हैं,
निगाहें मिलते ही जो जान और ईमान लेते हैं ।
‘फ़िराक़’ अक्सर बदल कर भेष मिलता है कोई क़ाफ़िर,
कभी हम जान लेते हैं कभी पहचान लेते हैं ।
तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते हैं ।
तबीयत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में,
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं ।
मेरी नज़रें भी ऐसे क़ाफ़िरों का जान-ओ-ईमान हैं,
निगाहें मिलते ही जो जान और ईमान लेते हैं ।
‘फ़िराक़’ अक्सर बदल कर भेष मिलता है कोई क़ाफ़िर,
कभी हम जान लेते हैं कभी पहचान लेते हैं ।
- Firaq Gorakhpuri.
- Chitra - Jagjit Singh.