Dil-E-Nadan Tujhe Hua Kya Hai Aakhir Is Marz Ki Dawaa Kya Hai. / दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है ? आख़िर इस दर्द की दवा क्या है ?

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है ?
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है ?

हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद,
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है ?

हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार,
या इलाही ! ये माजरा क्या है ?

जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद,
फिर ये हंगामा, ऐ ख़ुदा ! क्या है ?

जान तुम पर निसार करता हूँ,
मैं नहीं जानता दुआ क्या है ?
  • Mirza Asadullah Khan 'Ghalib'.
  • Chitra Singh.
  • Jagjit Singh.

  • Complete Ghazal......
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है ?
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है ?

हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार,
या इलाही ! ये माजरा क्या है ?

मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ,
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है ?

जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद,
फिर ये हंगामा, ऐ ख़ुदा ! क्या है ?

ये परी चेहरा लोग कैसे हैं,
ग़म्ज़ा-ओ-इश्वा-ओ-अदा क्या है ?

शिकन-ए-ज़ुल्फ़-ए-अम्बरी क्यों है,
निगह-ए-चश्म-ए-सुर्मा सा क्या है ?

सब्ज़ा-ओ-गुल कहाँ से आये हैं,
अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है ?

हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद,
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है ?

हाँ भला कर तेरा भला होगा,
और दर्वेश की सदा क्या है ?

जान तुम पर निसार करता हूँ,
मैं नहीं जानता दुआ क्या है ?

मैंने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब',
मुफ़्त हाथ आये तो बुरा क्या है ?