Ab Khushi Hai Na Koi Dard Rulanewala Hum Apna Liya.
अब खुशी है ना कोई ग़म रूलाने वाला,
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला ।
उसको रूख़्सत तो किया था मुझे मालूम ना था,
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला ।
एक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सबकी दुनिया,
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला ।
एक बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा,
जिस तरफ देखिये आने को है आने वाला ।
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला ।
उसको रूख़्सत तो किया था मुझे मालूम ना था,
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला ।
एक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सबकी दुनिया,
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला ।
एक बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा,
जिस तरफ देखिये आने को है आने वाला ।
- Nida Fazli.
- Jagjit Singh.