Aise Hijr Ke Mausam Tab Tab Aate Hain Tere Alaawaa.
ऐसे हिज्र के मौसम तब तब आते हैं,
तेरे अलावा याद हमे सब आते हैं ।
जागती आँखों से भी देखों दुनिया को,
ख़्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैं ।
अब वो सफ़र की बात नहीं बाकी वरना,
हमको बुलावे दख़्त से जब तब आते हैं ।
कागज़ की कश्ती में दरिया पार किया,
देखो हमको क्या क्या करतब आते हैं ।
तेरे अलावा याद हमे सब आते हैं ।
जागती आँखों से भी देखों दुनिया को,
ख़्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैं ।
अब वो सफ़र की बात नहीं बाकी वरना,
हमको बुलावे दख़्त से जब तब आते हैं ।
कागज़ की कश्ती में दरिया पार किया,
देखो हमको क्या क्या करतब आते हैं ।
- Shahryar.
- Chitra Singh.